फेसबुक को उम्मीद, क्रिप्टोकरेंसी लिब्रा एक दिन डॉलर को देगी टक्कर

नई दिल्ली । फेसबुक की अपनी नई क्रिप्टोकरेंसी शुरू करने की योजना है। सोशल मीडिया दिग्गज को उम्मीद है कि यह अमेरिकी डॉलर की तरह वैश्विक स्तर पर व्यापार में एक दिन अपना दबदबा कायम कर लेगी। लिब्रा नाम की नई करेंसी अगले वर्ष के शुरू में लांच होगी, जिसे डिजीटल करेंसी के रुप में जाना जाएगा जो सरकार समर्थित करेंसियों और सिक्योरटियों का समर्थन प्राप्त होगा। इसका लक्ष्य व्यापक स्तर पर मूल्यों में बड़े पैमाने पर होने वाले उतार-चढ़ाव को रोकना है ताकि लिब्रा को इस ढंग से हर रोज के लेन-देन में इस्तेमाल किया जा सके। लिब्रा के तहत फेसबुक के यूजर्स के लिए अपने मैसेजिंग सेवाओं के माध्यम से पैसे भेजने और प्राप्त करना आसान होगा। प्राइवेट मैसेज कंपनी का सबसे तेजी से बढ़ते उत्पादों में से एक है और कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग सभी फेसबुक के मैसेजिंग उत्पादों को एकीकृत करके उपयोगकर्ताओं को अपने विभिन्न ऐप के बीच संवाद करने के लिए इसे गले लगाते हैं। यह कदम उस समय उठाया गया जब प्रमुख सोशल नैटवर्क के बढ़ रहे यूजरों ने कुछ प्रमुख मार्कीटों में अपना कारोबार शुरू किया और नियामकों ने कंपनी की बार-बार गोपनीयता विफलताओं की जांच की। भुगतान मैसेजिंग को व्यापार में बदलने का क्षमता पूर्ण कदम है जो फेसबुक के विज्ञापन ऑपरेशन का पूरक है। विज्ञपनों से इसका रेवेन्यू इस्तेमाल होता है। उपयोक्ता और स्वीकृति के लिए अमेरिकी डॉलर की तुलना में लिब्रा पर व्यापक स्तर पर विश्वास करने की जरूरत है। फेसबुक और इसके हिस्सेदार इसकी नकल उतार रहे हैं कि कैसे दूसरी करेंसियों को अतीत में प्रचलित किया गया है। नई करेंसी में विश्वास पैदा करने और इसके प्रारंभिक अवस्था के दौरान इसे अपनाना यह एक गारंटी होगी कि देश के नोट वास्तविक संपदा के लिए एक व्यापार हो सकता है जैसे सोना। कंपनी ने यह बात एक श्वेत पत्र में लिखी है। फेसबुक को उम्मीद है कि उसकी डिजिटल करंसी लिब्रा एक दिन अमेरिकी डॉलर की हैसियत हासिल करेगी और उसकी तरह ही उसकी भी ट्रेडिंग होगी। कंपनी को उम्मीद है कि लिब्रा उसकी अकूत कमाई का जरिया बनेगी। लिब्रा एक स्टेबलकॉइन होगी। स्टेबलकॉइन उस डिजिटल करेंसी को कहा जाता है जिसे सरकार समर्थित मुद्राओं एवं प्रतिभूतियों (करंसीज ऐंड सिक्यॉरिटीज) का समर्थन प्राप्त होता है।
फेसबुक ब्लॉकचेन टीम के हेड डेविड मार्कस ने कहा कि फेसबुक एक नया डिजिटल वॉलिट तैयार करने की योजना बना रहा है जो मैसेंजर और वॉट्सऐप के अंदर होगा। इन दोनों ऐप्स से दोस्तों, पारिवारिक सदस्यों और व्यापारिक संस्थाओं के बीच लिब्रा का लेनदेन हो सकेगा। लिब्रा वॉलिट के लिए नई कंपनी कैलिब्रा बनाई गई है। वही डिजिटल वॉलिट बना रही है। इस वॉलिट से लोग लिब्रा खरीद सकेंगे, इस्तेमाल कर सकेंगे और उसे दूसरे के पास भेज सकेंगे। कैलिब्रा का वॉलिट यूज करने के लिए फेसबुक अकाउंट की जरूरत नहीं होगी। इस वॉलिट से लोग फेसबुक के दो मेसेजिंग ऐप्स, वॉट्सऐप और मेसेंजर के जरिए लिब्रा का लेनदेन कर सकेंगे। शुरुआत में इंस्टाग्राम मेसेजेज को वॉलिट से नहीं जोड़ा जाएगा। फेसबुक ने बताया कि अगर लोग कैलिब्रा या उसी तरह का कोई वॉलिट इस्तेमाल करेंगे तो उनका व्यक्तिगत लेनदेन लिब्रा ब्लॉकचेन पर प्रदर्शित नहीं होगा। कैलिब्रा का वादा है कि वह लिब्रा यूजर्स का ट्रांजैक्शन डेटा कभी भी फेसबुक के साथ साझा नहीं करेगी। हां, अगर लोग वस्तुएं खरीदने और पैसे भेजने के लिए फेसबुक प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करेंगे तो संभव है कि फेसबुक उनकी खरीदारी और पैसे के लेनदेन की आदतों से जुड़े आंकड़े हासिल कर ले। फेसबुक के अधिकारियों का कहना है कि लिब्रा बिना किसी फीस के दुनियाभर में पैसे के आदान-प्रदान का जरिया बनेगी। अभी वेस्टर्न यूनियन और दूसरे अंतरराष्ट्रीय मनी-ट्रांसफर सर्विसेज पैसे के लेनदेन पर फीस वसूलती हैं। उनका कहना है कि लिब्रा बड़ी तादाद में वैसे लोगों के लिए भी ऑनलाइन शॉपिंग का दरवाजा खोल देगी जिनका कोई बैंक अकाउंट या क्रेडिट कार्ड नहीं है। फेसबुक का कहना है कि लिब्रा, बिटकॉइन जैसी अन्य क्रिप्टोकरसंजी से बिल्कुल अलग होगी क्योंकि इसका मूल्य अमेरिकी डॉलर, यूरो, येन एवं अन्य स्थापित मुद्राओं से समर्थित होगा। लिब्रा का मूल्य स्थिर रखने के लिए एक-एक कॉइन की खरीद को वास्तविक मुद्राओं में रखे गए रिजर्व फंड के मूल्य का समर्थन हासिल होगा।